08 October 2012

अदरक के स्वास्थ्य लाभ.....



अदरक रसोई घर या हर्बल दवाओं में भी पाया जाता है। विशिष्ट गुणों से भरपूर अदरक का इस्तेमाल कई बड़ी-छोटी बीमारियों में भी किया जाता है। यह कफ, खांसी, जुकाम, सिरदर्द, कमर दर्द, पसली और छाती की पीड़ा दूर करती है और पसीना लाकर रोम छिद्रों को खोलती है। 

औषधि के रूप में इसका प्रयोग गठिया, र्‌यूमेटिक आर्थराइटिस (आमवात, जोड़ों की बीमारियों) साइटिका और गर्दन व रीढ़ की हड्डियों की बीमारी (सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस) होने पर, भूख न लगना, मरोड़, अमीबिक पेचिश, खाँसी, जुकाम, दमा और शरीर में दर्द के साथ बुखार, कब्ज होना, कान में दर्द, उल्टियाँ होना, मोच आना, उदर शूल और मासिक धर्म में अनियमितता होना, एंटी-फंगल। इन सब रोगों में भी अदरक (सोंठ) को दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अदरक एक दर्द निवारक के रूप में भी पाया गया है। 

इस का प्रयोग दर्दनाक माहवारी, माइग्रेन, अपच और संक्रमण के लिए और अस्थमा के रूप में राहत प्रदान और जीवन शक्ति और दीर्घायु को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। विभिन्न प्रकार के रूमेटिक रोगों में जहाँ कर्टिकोस्टेराईड तथा नान स्टेराइड दर्द नाशक दवाएं दी जाती हैं वहाँ अदरक का रस बहुत ही लाभ दायक है। अदरक कुष्ठ, पीलिया, रक्त पित्त, ज्वर दाह रोग आदि में उपयोगी औषधि है। अदरक का रस पेट के लिए तो लाभकारी है ही साथ में शरीर की सूजन, पीलिया, मूत्र विकार, दमा, जलोदर आदि रोगों में भी लाभकारी है। इसके सेवन से वायु विकार नष्ट हो जाते हैं। बालों के लिए भी उपयोगी है। अदरक का रस रूसी को भी नियंत्रित करता है। अदरक खाने से मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया भी मर जाते हैं।

1- चोट लगने पर - 

अदरक पीसकर गर्म कर ले। इसकी दर्द वाले स्थान पर लगभग आधा इंच (मोटाई) लेप करके पट्टी बाधे लगभग 2 घन्टे पश्चात लेप को हटाये व सरसों का तेल लगाकर सेक लें। इस प्रक्रिया को लाभ हाने पर प्रतिदिन करे।

2- अपच- 

भोजन के उपरान्त अदरक व नीबू के रस में सेधानमक मिलाकर प्रातःसाय पीते रहने से अपच दूर हो जाती है। और भूख खूब लगती है।

3- कान का दर्द- 

अदरक का रस किचित गर्म करके कान में डालने से कान का दर्द तुरन्त समाप्त हो जाता है।

4- दन्तशूल- 

दातो में दर्द होते समय अदरक के टुकड़े दातो के बीच में दबाकर रखने से दातो का दर्द समाप्त हो जाता है।

5- सन्निपातिक ज्वर- 

अदरक का रस में त्रिकुटा व सेधानमक मिलाकर देने से गले में घिरा हुआ कफ निकल जाता है। जिससें रोगी को आराम मिल जाता है।

6- न्यूमोनिया- 

अदरक के रस में 2-1 वर्ष पुराना घृत व कपुर मिलाकर गर्म करके लेप करना तत्काल लाभ करता है।


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