08 October 2012

सेहत के लिए लाभदायक टिप्स



* प्रातः काल के भोजन के बाद थोड़ी देर तक बाईं करवट लेटना और शाम के भोजन के बाद थोड़ी देर टहलना हितकारी होता है। दिन के भोजन के बाद छाछ और रात के भोजन के दो घण्टे बाद यानी सोते समय एक गिलास मीठा दूध पीना हितकारी होता है। रात में दही नहीं खाना चाहिए और भोजन के अन्त में तुरन्त बाद जल नहीं पीना चाहिए।


* कब्ज के रोगी का आहार सीमित नियमित और सुपाच्य होना चाहिए। उसे सप्ताह में एक बार उपवास रखकर सिर्फ दूध और फल का आहार ही लेना चाहिए। भोजन में कच्चे सलाद एवं हरी शाक सब्जी का सेवन ज्यादा मात्रा में और रोटी आधी मात्रा में लेना चाहिए। प्रतिदिन भोजन के बाद, एक छोटी हरड़ के टुकड़े करके, घण्टे भर तक चूसकर खा जाना चाहिए।


* अम्लपित्त के रोगी को दूध ठण्डा करके पीना चाहिए। केले, चावल की खीर, छिलके वाली मूँग की दाल, भोजनोपरान्त 1-2 केले या आगरे का पेठा अवश्य खाना चाहिए। रात को सोते समय एक गिलास दूध में 1 चम्मच शुद्ध घी डालकर घूंट-घूंटकर पीना चाहिए। अरहर की दाल का सेवन सिर्फ चावल के साथ ही करना चाहिए। तेज मिर्च-मसालेदार, खट्टे और तले हुए पदार्थों का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।


* अजीर्ण के रोगी को पाचक चूर्ण का सेवन अवश्य करना चाहिए। 1-2 दिन का उपवास कर सिर्फ दूध और फलाहार लेकर 2-3 दिन तक खिचड़ी या दलिया ही खाना चाहिए। भोजन के बाद एक गिलास छाछ पीना चाहिए। दिनभर में घण्टे-घण्टे भर 1-1 गिलास पानी पीते रहना चाहिए। बासी और गरिष्ठ आहार नहीं लेना चाहिए और शाम के भोजन में हलके एवं सुपाच्य पदार्थ ही खाना चाहिए।


* सूखी खाँसी के रोगी को 1 चम्मच मुलहठी चूर्ण, 2 कप पानी में उबालकर, जब आधा कप शेष बचे तब छानकर, थोड़ी पिसी मिश्री मिलाकर सुबह व शाम दो बार 3-4 दिन तक पीना चाहिए। छोटी इलायची के दाने और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर पीस लें और 5-5 ग्राम मात्रा में दिन में 3-4 बार चूसते हुए सेवन करना चाहिए। ये दोनों उपाय खाँसी में आराम वाले हैं।

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