प्रत्येक व्यक्ति चाहे वे अच्छा हो या बुरा उसके शत्रु अवश्य होते है ! किसी का यह कहना की मेरा कोई शत्रु है ही नहीं यह व्यर्थ है क्योंकि उन्हें अपने शत्रु नज़र नहीं आते ! उनके गुप्त शत्रु तो अवश्य होंगे ! जो लोग बार बार शत्रुओं से परेशान है जिनके घर में बार बार तंत्र प्रयोग होते है उनके लिए तो यह प्रयोग कल्पतरु है ! मै हर साल बगलामुखी जयंती पर इस प्रयोग को करता हूँ ! यह प्रयोग मैंने कई बार आजमाया है ! इस प्रयोग से सांप की तरह फन उठाने वाले शत्रु शांत हो जाते है !
एक बार मेरे एक मित्र पर झूठा मुक़दमा बन गया ! वे देखने में बहुत सुंदर था और बॉडी बिल्डिंग करता था ! वे मिस्टर पटिआला था, उसके साथ एक लड़की पढ़ती थी ! वे लड़की हमेशा उससे कहती कि मै तुमसे शादी करना चाहती हूँ पर वो लड़का बहुत धार्मिक था ! वे लड़का एक गरीब घर से था पर वो लड़की बहुत अमीर थी इसलिए वे डरता था ! जब वे बड़े हो गए तो लड़के ने लड़की को समझाया पर वो लड़की किसी भी तरह मानने को तयार नहीं थी ! जब उस लड़के कि शादी हुयी तो उस लड़की ने शादी के बाद लड़के पर केस कर दिया कि मुझे शादी का झांसा दिया और मै पिछले पांच साल से इसके साथ पत्नी कि तरह रह रही हूँ ! लड़का पंजाब पुलिस में था पर लड़की ने DSP को रिश्वत दे दी DSP ने लड़के से कहा या तो इस लड़की से दूसरी शादी करले नहीं तो तुझपर मुक़दमा दर्ज कर दूंगा ! लड़के ने DSP से बात की तो DSP ने कहा मुझे 50000 रुपये दे दो तो मै तुम्हारी मदद कर सकता हूँ ! लड़के ने कहा मेरे पास तो अभी 30000 रुपये ही है बाकी रुपये आपको दो दिन बाद दे दूंगा ! DSP ने कुछ नहीं सुना और उस लड़के पर धारा 376 का मुक़दमा दर्ज कर दिया ! वे लड़का Suspend हो गया और मुझसे आकर मिला ! मैंने उसे बगलामुखी साधना करने को कहा और बगलामुखी साधना के कुछ दिन बाद उस लड़के को reinquiry में क्लीन चीट मिल गयी ! मैंने इस साधना का कई बार इस्तेमाल किया है आप भी इस अद्भुत साधना का लाभ उठाये !
यह विद्या शत्रु का नाश करने में अद्भुत है, वहीं कोर्ट, कचहरी में, वाद-विवाद में भी विजय दिलाने में सक्षम है। इसकी साधना करने वाला साधक सर्वशक्ति सम्पन्न हो जाता है। उसके मुख का तेज इतना हो जाता है कि उससे आँखें मिलाने में भी व्यक्ति घबराता है। आँखों में तेज बढ़ेगा, आपकी ओर कोई निगाह नहीं मिला पाएगा एवं आपके सभी उचित कार्य सहज होते जाएँगे। सामनेवाले विरोधियों को शांत करने में इस विद्या का अनेक राजनेता अपने ढंग से इस्तेमाल करते हैं। यदि इस विद्या का सदुपयोग किया जाए तो हित होगा। हम यहाँ पर सर्वशक्ति सम्पन्न बनाने वाली सभी शत्रुओं का शमन करने वाली, कोर्ट में विजय दिलाने वाली, अपने विरोधियों का मुँह बंद करने वाली भगवती बगलामुखी की आराधना साधना दे रहे हैं।
गुरु दिक्षा लेकर मंत्र का सही विधि द्वारा जाप किया जाए तो वह मंत्र निश्चित रूप से सफलता दिलाने में सक्षम होता है।
इस साधना में विशेष सावधानियाँ रखने की आवश्यकता होती है । इस साधना को करने वाला साधक पूर्ण रूप से शुद्ध होकर (तन, मन, वचन) रात्री काल में पीले वस्त्र पहनकर व पीला आसन बिछाकर, पीले पुष्पों का प्रयोग कर, पीली (हल्दी या हकीक ) की 108 दानों की माला द्वारा मंत्रों का सही उच्चारण करते हुए कम से कम 11 माला का नित्य जाप 21 दिनों तक या कार्यसिद्ध होने तक करे या फिर नित्य 108 बार मंत्र जाप करने से भी आपको अभीष्ट सिद्ध की प्राप्ति होगी।खाने में पीला खाना व सोने के बिछौने को भी पीला रखना साधना काल में आवश्यक होता है वहीं नियम-संयम रखकर ब्रह्मचारीय होना भी आवश्यक है।
संक्षिप्त साधना विधि, छत्तीस अक्षर के मंत्र का विनियोग ऋयादिन्यास, करन्यास, हृदयाविन्यास व मंत्र इस प्रकार है--
विनियोग
ऊँ अस्य श्री बगलामुखी मंत्रस्य नारद ऋषिः
त्रिष्टुप छंदः श्री बगलामुखी देवता ह्लीं बीजं स्वाहा शक्तिः प्रणवः कीलकं ममाभीष्ट सिद्धयार्थे जपे विनियोगः।
ऋष्यादि न्यास-नारद ऋषये नमः शिरसि, त्रिष्टुय छंद से नमः मुखे, बगलामुख्यै नमः, ह्मदि, ह्मीं बीजाय नमः गुहये, स्वाहा शक्तये नमः पादयो, प्रणवः कीलकम नमः सर्वांगे।
हृदयादि न्यास
ऊँ ह्मीं हृदयाय नमः बगलामुखी शिरसे स्वाहा, सर्वदुष्टानां शिरवायै वषट्, वाचं मुखं वदं स्तम्भ्य कवचाय हु, जिह्वां भीलय नेत्रत्रयास वैषट् बुद्धिं विनाशय ह्मीं ऊँ स्वाःआआ फट्।
ध्यान
मध्ये सुधाब्धि मणि मंडप रत्नवेघां
सिंहासनो परिगतां परिपीत वर्णाम्।
पीताम्बरा भरणमाल्य विभूषितांगी
देवीं भजामि घृत मुदग्र वैरिजिह्माम ।।
मंत्र इस प्रकार है--
ऊँ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ फट स्वाहा।
मंत्र जाप लक्ष्य बनाकर किया जाए तो उसका दशांश होम करना चाहिए। जिसमें चने की दाल, तिल एवं शुद्ध घी का प्रयोग करें एवं समिधा में आम की सूखी लकड़ी या पीपल की लकड़ी का भी प्रयोग कर सकते हैं। मंत्र जाप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर करना चाहिए।
|| मन्त्र ||
ॐ रीम श्रीम बगलामुखी वाचस्पतये नमः !
|| साधना विधि ||
इस मन्त्र को बगलामुखी जयंती को पूरी रात लिंग मुद्रा का प्रदर्शन करते हुए सारी रात जप करते रहे यदि थक जाये तो थोडा आराम कर ले पर आसन से न उठे ! इस प्रकार यह मन्त्र एक रात में सिद्ध हो जाता है ! दुसरे दिन किसी लड़की को पीला प्रसाद जरूर खिलाये और मंदिर में देवी दुर्गा को भी पीले प्रसाद का भोग लगाये !
|| प्रयोग विधि ||
जब प्रयोग करना हो तो इस मन्त्र को 21 दिन 21 माला रात्रि में हल्दी की माला से जपे आपकी शत्रु बाधा से सम्बंधित सभी समस्याए शांत हो जाएगी !
यह मेरी अनुभूत साधना है आप एक बार इस साधना को जरूर करे !