12 November 2012

'हरि अनंत, हरि कथा अनंता'

PHOTOS: इस कृष्ण मंत्र से करें पीपल पूजा..पूरी होगी हर इच्छा

हिन्दू धर्मग्रंथों में लिखा गया है कि 'हरि अनंत, हरि कथा अनंता'। इस बात के जरिए कण-कण में बसे ईश्वर के स्वरूप व शक्तियों की ही महिमा उजागर की गई है। इसी धर्म आस्था को बल देती है - पीपल पूजा। हिन्दू धर्म में पीपल को देव वृक्ष माना जाता है।

श्रीमद्भगवद्गीता में भी भगवान कृष्ण ने पीपल को स्वयं का स्वरूप बताया है। इसे 'अश्वत्थ' कहकर पुकारा गया है। यही कारण है कि देवमूर्ति की पूजा या मंदिर न जाने की दशा में पीपल पूजा ही दरिद्रता दूर कर सुख, ऐश्वर्य व धन की कामना को पूरी करने वाली मानी गई है।

इसके लिए हर रोज या विशेष वार, तिथियों पर एक विशेष मंत्र का ध्यान कर पीपल पूजा का महत्व बताया गया है। तस्वीरों के जरिए जानिए पीपल के धार्मिक महत्व के साथ मंत्र विशेष से पीपल पूजा की सरल विधि -


जीवन अनिश्चताओं से भरा है। सुख-दु:ख का सिलसिला इस बात को साबित भी करते हैं। जीवन के इन तमाम उतार-चढ़ावों के बाद भी इंसान तन, मन या आत्म बल के बूते बुरे वक्त का सामना कर सुखों को सुनिश्चित करता है। 

हिन्दू धर्मग्रंथ भी तन, मन और आत्मा को सबल बनाने वाले ऐसे ही धार्मिक उपायों को उजागर करते हैं, जो सरल ही नहीं, बल्कि प्रकृति रूप ईश्वर के दर्शन व संगति का बेहतर जरिया भी हैं। ऐसा ही एक उपाय है - अश्वत्थ यानी पीपल के पेड़ की पूजा।

हिन्दू धर्म ग्रंथ श्रीमद्गभगवदगीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं को अश्वत्थ स्वरूप बताया है। वहीं शास्त्रों में पीपल के वृक्ष में अनेक देवताओं का वास माना गया है। इसलिए जीवन से जुड़ी तमाम परेशानियों, संकट, रोग व दरिद्रता से बचने, नवग्रह दोष शांति के लिए हर रोज देव वृक्ष पीपल की पूजा यहां बताए मंत्र से करना बहुत ही शुभ माना गया है।

- सुबह स्नान के बाद सफेद या पीले रेशमी वस्त्र पहन पवित्र स्थान या देवालय में स्थित पीपल वृक्ष की जड़ में गाय के दूध व पवित्र गंगाजल में गुलाब के फूल, तिल, चंदन मिलाकर अर्पित करते हुए नीचे लिखा मंत्र संकटनाश व समृद्धि की कामना से बोलें -


आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं शरणं गत:।

देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।

अश्वत्थ ह्युतझुग्वास गोविन्दस्य सदाप्रिय।

अशेषं हर मे पापं वृक्षराज नमोस्तुते।

- जल अर्पण व मंत्र स्तुति के बाद कोई भी मिठाई या मीठा नैवेद्य चढ़ाकर इष्ट या शिव, विष्णु की आरती करें।

याद रखिये आपके पास जो सबसे कीमती चीज है, वो है आपका जीवन


एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए.

फिर उसने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये .” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में चिमोड़ना शुरू कर दिया. और फिर उसने पूछा,” कौन है जो अब भी यह नोट लेना चाहता है?” अभी भी लोगों के हाथ उठने शुरू हो गए.

“अच्छा” उसने कहा,” अगर मैं ये कर दूं ? “ और उसने नोट को नीचे गिराकर पैरों से कुचलना शुरू कर दिया. उसने नोट उठाई , वह बिल्कुल चिमुड़ी और गन्दी हो गयी थी.


“ क्या अभी भी कोई है जो इसे लेना चाहता है?”. और एक बार फिर हाथ उठने शुरू हो गए.

“ दोस्तों , आप लोगों ने आज एक बहुत महत्त्वपूर्ण पाठ सीखा है. मैंने इस नोट के साथ इतना कुछ किया पर फिर भी आप इसे लेना चाहते थे क्योंकि ये सब होने के बावजूद नोट की कीमत घटी नहीं,उसका मूल्य अभी भी 500 था.

जीवन में कई बार हम गिरते हैं, हारते हैं, हमारे लिए हुए निर्णय हमें मिटटी में मिला देते हैं. हमें ऐसा लगने लगता है कि हमारी कोई कीमत नहीं है. लेकिन आपके साथ चाहे जो हुआ हो या भविष्य में जो हो जाए , आपका मूल्य कम नहीं होता. आप स्पेशल हैं, इस बात को कभी मत भूलिए.

कभी भी बीते हुए कल की निराशा को आने वाले कल के सपनो को बर्बाद मत करने दीजिये. याद रखिये आपके पास जो सबसे कीमती चीज है, वो है आपका जीवन.”

मंगलवार और शनिवार के लिए हनुमानजी का 1 चमत्कारी उपाय


आज के समय में हनुमानजी की भक्ति सबसे जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी गई है। जानिए मंगलवार और शनिवार के लिए हनुमानजी का 1 चमत्कारी उपाय............

हनुमानजी को माता सीता ने अमरता का वरदान दिया है। श्रीराम के अनन्य सेवक बजरंग बली अपने भक्तों को सभी सुख प्रदान करते हैं। वे बल, बुद्धि और विद्या के दाता माने गए हैं। 


बल, बुद्धि और विद्या के बल पर ही कोई भी इंसान धन-दौलत प्राप्त कर सकता है। यदि कि सी व्यक्ति के जीवन में धन से जुड़ी समस्याएं चल रही हैं तो उसे हनुमानजी को पूजने से जल्द ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।


हर मंगलवार और शनिवार को किसी भी हनुमान मंदिर में 11 काले उड़द के दाने, सिंदूर, चमेली का तेल, फूल, प्रसाद अर्पित करें।साथ ही सुंदरकांड का पाठ करें या समय अभाव हो तो हनुमान चालिसा का पाठ करें। मंगलवार को शनिवार को हनुमानजी का विधिवत पूजन करने से सभी प्रकार के कष्ट और क्लेश नष्ट हो जाते हैं।


इसके साथ ही कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव भी दूर हो जाते हैं। इस उपाय को अपनाने से कुछ ही दिनों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगेंगे।

ध्यान रखें पवित्रता का पूरा ध्यान रखें। किसी भी प्रकार के अधार्मिक कर्मों से दूर रहें। किसी भी स्थिति में घर के बड़े-बुजूर्गों सहित अन्य वृद्धजनों का सम्मान करें, उनका दिल ना दुखाए।