08 October 2012

शाम के समय क्यों नहीं सोना चाहिये ?



नींद हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है ,दिनभर की थकान और तनाव को झेलने के बाद रात की नींद शरीर को आराम प्रदान करती है। प्रतिदिन पर्याप्त नींद ही हमें स्वस्थ और लंबी उम्र प्रदान करती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है कि आप सही समय पर सोएं और सही समय पर उठ जाएं।

शास्त्रों और विज्ञान के अनुसार सोने के लिए रात का समय निर्धारित किया गया है। यही समय सर्वश्रेष्ठ भी है अच्छी नींद के लिए। जो लोग रात के समय पर्याप्त नींद लेते हैं वे तो हमेशा स्वस्थ और निरोगी रहते हैं। उन लोगों पर जल्द ही किसी मौसमी बीमारी का प्रभाव भी नहीं होता। जबकि जो लोग किसी भी कारण से रात के समय पर्याप्त नींद नहीं ले पाते वे निश्चित ही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जुझते हैं।

यदि कोई व्यक्ति रात के समय ठीक से नींद नहीं ले पाता है तो वह दिन के समय नींद पूरी करता है। आजकल के दौर में दिन या शाम को सोना भी काफी लोगों की आदत बन गया है, जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है और शास्त्रों के अनुसार भी यह निषेध माना गया है।

दिन में सोने के नुकसान 

दिन या शाम के समय सोने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां जैसे मोटापा होना, आलस्य बना रहना, चेहरे निस्तेज होना आदि आम बीमारियां हो जाती हैं। इसके अलावा प्रतिदिन ऐसा करने पर व्यक्ति की आयु भी घट सकती है यानि ऐसे लोगों का जीवन कम हो जाता है। इसके अलावा इन लोगों को अपच, कब्ज, एसीडीटी आदि की भी समस्याएं बनी रहती है।

शाम का समय- शास्त्रों के अनुसार शाम का समय केवल पवित्र कार्य के लिए श्रेष्ठ माना गया है। ऐसा माना जाता है शाम के समय देवी-देवता पृथ्वी के भ्रमण पर निकलते हैं। ऐसे में शाम के समय सोने वाला व्यक्ति देवताओं के कोप का भागी बन जाता है। देवी-देवता उन लोगों को अप्रसन्न हो जाते हैं और उनका क्रोध झेलना पड़ता है। देवी-देवताओं की कृपा के बिना घर में बरकत नहीं रह सकती।

किसी भी आर्थिक कार्य में आसानी से लाभ प्राप्त नहीं हो पाता, अक्सर धन हानि की संभावनाएं बनी रहती है। जिस घर में शाम के समय लोग सोते हैं वहां से धन की देवी महालक्ष्मी प्रस्थान कर जाती हैं और गरीबी यानि दरिद्रता उस घर में पैर पसार लेती है। इसी वजह से शाम के समय सोने से मन किया जाता है।

व्यक्ति अपने कर्मों से अपनी आयु बढ़ा भी सकता है और उसे कम भी कर सकता है। शास्त्रों में सोने के तरीके से भी आयु कम होने और बढ़ने का वर्णन मिलता है।



इस प्रकार सोने से कम होती है आयु

ऐसे कथा भी आती है कि शनि के देखने से गणेश जी का सिर कट जाने के बाद माता पार्वती प्रलय मचाने लगीं तब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से हाथी का सिर काटकर गणेश जी के सिर पर लगा दिया। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता हैं वह किसी ऐसे जीव के प्राण नहीं ले सकते थे जिसकी आयु शेष बची हो इसलिए उन्हें ऐसे जीव की तलाश थी जिसकी आयु पूरी हो चुकी हो। विष्णु भगवान ने देखा कि एक हाथी पैर पर पैर रखकर सोया हुआ है। उन्हें समझते देर नहीं हुई कि हाथी की आयु पूरी हो चुकी है और उन्होंने हाथी का सिर काट लिया। शास्त्रों के अनुसार पैर पर पैर रखकर सोने से आयु क्षीण होती है और मृत्यु नजदीक आती है। इसलिए पैर पर पैर रखकर नहीं सोना चाहिए।

ऐसे सोने से बढ़ती है आयु

अच्छी सेहत और लम्बी आयु के लिए शवासन की मुद्रा में सोएं। शवासन की मुद्रा में सीधा लेट जाएं और सिर को ऊपर की ओर रखें तथा दोनों हाथ शरीर के पास-पास रखें। इससे शरीर को आराम मिलता है तथा पाचन क्रिया अच्छी तरह से होती है। मन को सुकून और शांति मिलती है। पेट के बल कभी न सोएं इससे पेट सम्बन्धी रोग होता है।करवट लेकर सोना भी अच्छा होता है स्त्रियों को हमेशा बायाँ करवट लेकर, और पुरुषों को हमेशा दाया करवट लेकर ही सोना चाहिये, सोते समय आपका सिर दक्षिण दिशा में होना चाहिये और पैर उत्तर दिशा में होना चाहिये.

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