08 October 2012

!!! इन आदतो का नित्य संकल्प ले !!!



जीवन में कुछ अच्छी आदते होना जरुरी है. व्यायाम से हम शरीर को उर्जावान बनाते है, इसी तरह जप आदि से ह्रदय को और स्वाध्याय से बुद्धि को अलग-अलग स्तर पर, अलग-अलग आदते होना जरुरी है.क्योकि यदि हम केवल शारीरिक स्तर पर व्यायाम आदि तो कर लेते है पर मन और ह्रदय के लिए कोई नियम न ले तो वे दोनों बीमार हो जायेगे, इसलिए शरीर के साथ-साथ भाव और बौद्धिक स्तर पर संकल्प करना जरुरी है.

दो आदते शरीर के स्तर पर, दो भाव के स्तर पर, दो बौद्धिक स्तर पर, बिना चूके करना चाहिये. कम से कम पाँच–छः आदते नित्य संकल्प के रूप में ले ही लेनी चाहिये.

१. शरीर के स्तर पर - जैसे व्यायाम, स्नान आदि.

२. दो भाव के स्तर पर - जैसे जप, स्तोत्र पाठ आदि. 

३. दो बौद्धिक स्तर पर - जैसे स्वाध्याय, लेखन, श्रवण आदि.


एक दिन भी खण्ड किये बिना करना है. फिर देखो मन कैसे उदात्त गगन में विचरण करने लगता है. आपको ही आश्चर्य होगा कि कितना पवित्र, हलका और उर्जावान अनुभव कर रहे हैं.

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