20 September 2012

आज ऋषिपंचमी है...


आज 20 सितंबर, गुरुवार को ऋषिपंचमी है...

भाद्रपद की शुक्ल पक्ष पर पड़ने वाली पंचमी "ऋषि पंचमी" कहलाती है। इस दिन किया जाने वाला व्रत ऋषि पंचमी व्रत कहलाता है। यह व्रत और यह पूजा, आरती, अर्घ्य, तर्पण की प्रक्रिया हमारे महान तपोनिष्ट ऋषियों के प्रति हमारी श्रद्धा, कृतज्ञता और समर्पण आदर की भावना को प्रदर्शित करता है...

हम जिनके वंश परम्परा से आते हैं और जिन्होंने स्वयं को तिल तिल जलाकर तप कर हमारी सुंदर, सुरक्षित भविष्य हेतु हमें सक्षम ग्रन्थ दिए, उपदेश दिए, मंत्र, दान, पूजा,

जाप आदि की प्रक्रिया बताकर हमारा साक्षात्कार ईश्वर से करवाया, इस प्रकार यह पर्व हमारा आभार है... इन महान विद्वानों और उनकी साधना तपस्चर्या व हमारे लिए किये गए मार्गदर्शन के लिए...

यह व्रत जाने-अनजाने किसी भी प्रकार किये गये पापों से मुक्ति के लिये किया जाता है। इसलिये यह व्रत स्त्री-पुरुष दोनों ही के लिये समान विधि और समान फ़ल वाला बताया गया है...

कश्यपोऽत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोऽथ गौतमः।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥
दहन्तु पापं मे सर्वं गृह्नणन्त्वर्घ्यं नमो नमः॥

इस व्रत में सप्तऋषियों सहित अरुन्धती (महर्षि वसिष्ठ की पत्नी) का पूजन होता है। इसीलिये इसे ऋषि पंचमी कहते हैं...

आज कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि तथा वशिष्ठ-इन सप्तर्षियों व अरुंधती का षोडशोपचारपूर्वक पूजन करना चाहिए। इस व्रत में नमक का प्रयोग वर्जित है। हल से जुते हुए खेत का अन्न खाना वर्जित है। दिन में केवल एक ही बार भोजन करना चाहिए...

ॐ नमः शिवाय...

कच्ची हल्दी का अचार





कच्ची हल्दी का अचार - Fresh Turmeric Pickle - Kachi Haldi Achar Recipe

कच्ची हल्दी का अचार खाने में तो स्वादिष्ट होता ही है इसमें अनेकों औषधीय गुण भी हैं. स्वाद में एकदम तीखा हल्दी का अचार की बस एक चौथाई चम्मच आपके खाने को एक नया स्वाद देगी.

आवश्यक सामग्री - Ingredients for Turmeric Pickle


कच्ची हल्दी - 250 ग्राम (कद्दूकस की हुई एक कप)
सरसों का तेल - 100 ग्राम (आधा कप)
नमक - 2 1/2 छोटी चम्मच
लाल मिर्च - आधा छोटी चम्मच
दाना मैथी - 2 1/2छोटी चम्मच दरदरी पिसी
सरसों पाउडर - 2 1/2 छोटी चम्मच
अदरक पाउडर - 1 छोटी चम्मच
हींग - 2-3 पिंच
नीबू - 250 ग्राम ( 1/2 कप का रस)



विधि - How to make haldi pickle

हल्दी को छीलिये और धोकर पानी सुखाने के लिये थोड़ी देर के लिये धूप में रख दीजिये या सूती कपड़े से पोंछ कर पानी हटा दीजिये.

अब इस छिली हल्दी को कद्दूकस कर लीजिये या बारीक काट लीजिये. चूंकि हल्दी का अचार एकदम कम मात्रा में खाया जाता है इसलिये छोटे टुकडों के अचार के बजाय कद्दूदक की गई हल्दी का अचार अधिक सुविधाजनक होता है.


सरसों का तेल कढ़ाई में डाल कर अच्छी तरह गरम करके, थोड़ा सा ठंडा कर लीजिये, तेल में हींग, मैथी और सारे मसाले और कद्दूकस की गई हल्दी डाल कर अच्छी तरह मिलाइये.

हल्दी के अचार को प्याले में निकालिये और अचार में नीबू का रस डालकर अच्छी तरह मिलाकर हल्दी के अचार को ढककर रख दीजिये. 4-5 घंटे बाद अचार चमचे से फिर से ऊपर नीचे करके मिला दीजिये.


हल्दी का अचार बन चुका है, हल्दी के अचार को एकदम सूखे कांच या चीनी मिट्टी के कन्टेनर में भर कर रख लीजिये, सम्भव हो तो अचार के कन्टेनर को 2 दिन धूप में रख दें, धूप में रखने से अचार की सैल्फ लाइफ बढ़ जाती है और अचार स्वादिष्ट भी हो जाते हैं.

हल्दी का अचार (Turmeric Pickle) यदि तेल में डुबा हुआ रखा हो तब यह अचार 6 महिने से भी ज्यादा अच्छा रहेगा.

सावधानी:
अचार को निकालते समय हमेशा साफ और सूखी चम्मच प्रयोग में लाइये.







राजेश अग्रवाल

मिट्टी कूल कंपनी




मिट्टी कूल कंपनी के मालिक श्री मनसुख लाल राघव जी भाई प्रजापति 'भारत रत्न अब्दुल कलाम जी' से सम्मान प्राप्त करते हुए।

भारत के कुंभार दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक होते हैं। इन्होने उसी से प्रेरणा लेते हुए मिट्टी के उत्पादों की शृंखला पेश की। आमतौर पर फ्रिज में जो कम्प्रेसर होता है उसमें से जहरीली गैस निकलती हैं जो पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचातीही हैं साथ ही उनसे कई बीमारियोंका खतरा भी रहता है। इसी कारण पिछले 20 वर्षों में फ्रिज बढ्ने के साथ साथ 'अर्थराइटिस' के रोगी बढ़ें हैं और लगभग प्रत्येक घर में एक अर्थराइटिस रोगी है।

उन्होंने जो मिट्टी का फ्रिज बनाया है वो पूरी तरह से ईको फ्रेंडली है। ये बिजली के बिना चलता है जिससे ये पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। मिट्टी से बना ये फ्रिज पानी को ठंडा और फल-सब्जियों को पूरा दिन ताजा रखता है। इसकी एक खासियत ये भी है कि इसका तापमान बाहर के तापमान से 10 डिग्री सेल्सियस कम रहता है।
2002 में इन्होने मिट्टी का फ्रिज बनाया जो बिना गैस और बिजली के चलता है। 2004 में मिट्टी कूल (नॉन स्टिक तवा) बनाया उसके लिए 2005 में 'राष्ट्रीय और राज्य ग्रामीण विकास' से पुरस्कार मिला था। अब इन्हें इनके विभिन्न कलात्मक उत्पादों के लिए विदेश से ऑर्डर मिलते हैं और लोगों को इनके प्राकृतिक रेफ्रिजरेटर / फिल्टर का उपयोग करना पसंद करते हैं।
इनका कहना है "मेरा उद्देश्य देश भर में उन सभी लोगों को सभी शानदार चीजें प्रदान करना है जो इलेक्ट्रॉनिक सामान को वहन करनेकी कल्पना नहीं कर सकते हैं। ये तो अभी शुरुआत है मैं चाहता हूं कि अपनी इन छोटी-छोटी कोशिशों से पर्यावरण को बचाने में जितना हो सके उतनी मदद करूं।"


देखिये इनकी वैबसाइट पर सम्पूर्ण:




Mitticool Clay Creation

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राजेश अग्रवाल