हर इंसान दैनिक जीवन में सुख-सफलता से जुड़े अनेक कामों व मकसद में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है। किंतु अनेक अवसरों पर क्षणिक स्वार्थ, लालसा या मन की चंचलता से पैदा बुद्धि दोष न केवल अपयश देकर सफलता से वंचित करता है, बल्कि मकसद पूरा करने में भी रोड़ा बन जाता है।
ऐसे दोष, विकारों से मुक्त होकर यशस्वी व सफल बने रहने के लिए ही मंगलमूर्ति श्री गणेश की उपासना का महत्व बताया गया है। क्योंकि श्री गणेश बुद्धिदाता, विघ्रविनाशक देवता माने जाते हैं। इसलिए किसी भी कार्य, नौकरी, परीक्षा व लक्ष्य में सफलता व बेहतर नतीजों को पाने के लिए शास्त्रों में हर दिन यहां बताए जा रहे मात्र 12 अक्षरी गणेश मंत्र के स्मरण का महत्व बताया गया है।
जानिए यह मंगलकारी व आसान गणेश मंत्र व सरल गणेश पूजा विधि -
- सुबह स्नान के बाद श्री गणेश की मूर्ति को भी पंचामृत स्नान के बाद सिंदूर, अक्षत, दूर्वा, पीला वस्त्र और भोग में मोदक या लड्डू अर्पित करें। वह पीले आसन पर बैठ मूंगे की माला से इस गणेश मंत्र का काम व लक्ष्य विशेष में सफलता की कामना से कम से कम 108 बार यथाशक्ति जप करें। आखिर में श्री गणेश की पूजा धूप, दीप व कर्पूर आरती करें -
ॐ नमो भगवते गजाननाय