31 October 2012

!!! लौंग के औषधीय गुण !!!




लौंग को वैसे तो मसाले के रूप में सदियों से उपयोग में लाया जा रहा है। लेकिन किचन में उपस्थित इस मसाले के अमूल्य औषधीय गुणों के बारे में कम ही लोग जानते हैं। आज हम बताने जा रहे हैं लौंग के कुछ ऐसे ही औषधीय प्रयोगों के बारे में.....
लौंग में   कार्बोहाइड्रेट, नमी, प्रोटीन, वाष्पशील तेल, वसा जैसे तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा लौंग में खनिज पदार्थ, हाइड्रोक्लोरिक एसिड में न घुलने वाली राख, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा, सोडियम, पोटेशियम, विटामिन सी और ए भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं तीखी लोंग के ऐसे ही कुछ प्रयोग जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।

- खाना खाने के बाद 1-1 लौंग सुबह-शाम खाने से एसीडिटी ठीक हो जाती है।
-15 ग्राम हरे आंवलों का रस, पांच पिसी हुई लौंग, एक चम्मच शहद और एक चम्मच चीनी मिलाकर रोगी को पिलाएं इससे एसीडिटी ठीक हो जाता है।


- लौंग को गरम कर जल में घिसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द गायब हो जाता है।

- लौंग को पीसकर एक चम्मच शक्कर में थोड़ा-सा पानी मिलाकर उबाल लें व ठंडा कर लें। इसे पीने से उल्टी होना व जी मिचलाना बंद हो जाता है।

- लौंग सेंककर मुंह में रखने से गले की सूजन व सूखे कफ का नाश होता है।

- सिर दर्द, दांत दर्द व गठिया में लौंग के तेल का लेप करने से शीघ्र लाभ मिलता है।

- गर्भवती स्त्री को अगर ज्यादा उल्टियां हो रही हों तो लौंग का चूर्ण शहद के साथ चटाने से लाभ होता है।

- लौंग का तेल मिश्री पर डालकर सेवन करने से पेटदर्द में लाभ होता है।

- एक लौंग पीस कर गर्म पानी से फांक लें। इस तरह तीन बार लेने से सामान्य बुखार दूर हो जाएगा।

- लौंग दमा रोगियों के लिए विशेषरूप से लाभदायक है। लौंग नेत्रों के लिए हितकारी, क्षय रोग का नाश करने वाली है।

- लौंग और हल्दी पीस कर लगाने से नासूर मिटता है।

- चार लौंग पीस कर पानी में घोल कर पिलाने से बुखार ठीक हो जाती है।


दूध से कीजिये चेहरे की सफाई


चमकदार और साफ-सुथरी त्‍वचा पाना हर का ख्‍वाब होता है। अगर आपकी त्‍वचा साफ और ग्‍लो करती रहेगी तो आपके अंदर आत्‍मविश्‍वास जगेगा। चेहरे को क्‍लीजिंग, टोनिंग और मॉइस्‍चराइजिंग की जरुरत होती है जिससे चेहरा शाइन और क्‍लीयर बना रहता है। इसके अलावा कई घरेलू फेस पैक और स्‍क्रब भी हैं, जो आप खुद ही बना कर इस्‍तमाल कर सकती हैं। दूध भी एक ऐसा क्‍लीज़र है जिससे चेहरा बिल्‍कुल निखर जाता है। दूध को आप फेस पैक बना कर यूज़ कर सकती हैं। आइये जानते हैं कुछ ऐसे फेस पैक्‍स जिसमें दूध और तरह-तरह के खाघ पदार्थ मिले होते हैं।


इस तरीके से कीजिये सफाई-

1. दूध और गुलाब जल- दूध को कुछ बूंद गुलाब जल के साथ मिलाएं और अपने चेहरे पर लगा कर गोलाई में तकरीबन 1-2 मिनट के लिये मसाज करें। इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें और खुले हुए पोर्स को फेस पैक से बंद कर दें।

2. ओटमील और दूध- यह एक प्रकार का स्‍क्रब और फेस क्‍लीज़र का काम करेगा। इसे बनाना बहुत ही आसान है। बस ओटमील पाउडर लीजिये और उसमें दूध मिला दीजिये। पेस्‍ट बनाइये और पूरे चेहरे पर लगाइये। धीरे-धीरे चेहरे पर स्‍क्रब कीजिये और निखार पाइये।

3. दूध और शहद- चमकदार त्‍वचा पाने के लिये शहद का प्रयोग हर फेस पैक में करें। दूध को खाली लगाने के बजाए उसमें थोडा़ सा शहद भी मिला लें और चेहरे की मसाज करें। अगर आपको पिंपल या एक्‍ने की समस्‍या है तो इस पैक में कुछ बूंद नींबू की भी मिला लें।

4. दूध और पपीता- पपीते में एक प्रकार का एंजाइम होता है जो कि डेड स्‍किन को निकाल कर चेहरे के दाग-धब्‍बों को दूर करता है। पपीते के गूदे को दूध के साथ मिलाएं और गदर्न तथा चेहरे पर लगाएं, फिर 2 मिनट के लिये मसाज करें। इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लीजिये। आपका चेहरा ग्‍लो करने लगेगा।

5. दूध और गाजर का रस- गाजर में बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो कि स्‍किन को टाइट बना कर डेड स्‍किन को निकालता है और चेहरे में नमी लाता है। आप इसे सब्‍जी को त्‍वचा को साफ करने, झुर्रियां भगाने और हमेशा के लिये चमकदार बनाने के लिये प्रयोग कर सकती हैं। इस पैक को बनाने के लिये, गाजर को कस लीजिये और उसमें दूध मिला लीजिये। इसे अपने चेहरे पर कुछ मिनट के लिये लगा कर मसाज करें और फिर उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इसके साथ दही भी मिला कर मसाज कर सकती हैं। अगर यह पैक लगाने के बाद आपका चेहरा ऑयली हो जाए तो आप हल्‍का सा फेस वॉश लगा कर मुंह धो सकती हैं।


!!! नाडी परीक्षा !!!



नाडी परीक्षा के बारे में शारंगधर संहिता ,भावप्रकाश ,योगरत्नाकर आदि ग्रंथों में वर्णन है .महर्षि सुश्रुत अपनी योगिक शक्ति से समस्त शरीर की सभी नाड़ियाँ देख सकते थे .ऐलोपेथी में तो पल्स सिर्फ दिल की धड़कन का पता लगाती है ; पर ये इससे कहीं अधिक बताती है .आयुर्वेद में पारंगत वैद्य नाडी परीक्षा से रोगों का पता लगाते है . इससे ये पता चलता है की कौनसा दोष शरीर में विद्यमान है .

ये बिना किसी महँगी और तकलीफदायक डायग्नोस्टिक तकनीक के बिलकुल सही निदान करती है . जैसे की शरीर में कहाँ कितने साइज़ का ट्यूमर है , किडनी खराब है या ऐसा ही कोई भी जटिल से जटिल रोग का पता चल जाता है .दक्ष वैद्य हफ्ते भर पहले क्या खाया था ये भी बता देतें है .भविष्य में क्या रोग होने की संभावना है ये भी पता चलता है .


- महिलाओं का बाया और पुरुषों का दाया हाथ देखा जाता है .

- कलाई के अन्दर अंगूठे के नीचे जहां पल्स महसूस होती है तीन उंगलियाँ रखी जाती है .

- अंगूठे के पास की ऊँगली में वात , मध्य वाली ऊँगली में पित्त और अंगूठे से दूर वाली ऊँगली में कफ महसूस किया जा सकता है .

- वात की पल्स अनियमित और मध्यम तेज लगेगी .

- पित्त की बहुत तेज पल्स महसूस होगी .

- कफ की बहुत कम और धीमी पल्स महसूस होगी .

- तीनो उंगलियाँ एक साथ रखने से हमें ये पता चलेगा की कौनसा दोष अधिक है .

- प्रारम्भिक अवस्था में ही उस दोष को कम कर देने से रोग होता ही नहीं .

- हर एक दोष की भी ८ प्रकार की पल्स होती है ; जिससे रोग का पता चलता है , इसके लिए अभ्यास की ज़रुरत होती है .

- कभी कभी २ या ३ दोष एक साथ हो सकते है .

- नाडी परीक्षा अधिकतर सुबह उठकर आधे एक घंटे बाद करते है जिससरे हमें अपनी प्रकृति के बारे में पता चलता है . ये भूख- प्यास , नींद , धुप में घुमने , रात्री में टहलने से ,मानसिक स्थिति से , भोजन से , दिन के अलग अलग समय और मौसम से बदलती है .

- चिकित्सक को थोड़ा आध्यात्मिक और योगी होने से मदद मिलती है . सही निदान करने वाले नाडी पकड़ते ही तीन सेकण्ड में दोष का पता लगा लेते है .वैसे ३० सेकण्ड तक देखना चाहिए .

- मृत्यु नाडी से कुशल वैद्य भावी मृत्यु के बारे में भी बता सकते है .

- आप किस प्रकृति के है ? --वात प्रधान , पित्त प्रधान या कफ प्रधान या फिर मिश्र ? खुद कर के देखे या किसी वैद्य से पता कर देखिये .