लेकिन... क्या सच में हमारा परिवर्तन सही दिशा में हो रहा है...?????
नमस्कार को टाटा खाया.... नूडल ने खा गया आटा !
देखो भाइयो, इस साली... अंग्रेजी के चक्कर में... हुआ..... बडा ही घाटा !!
सोचो कहाँ आ गए....?
माताजी को मम्मी खा गयी......पिता को खाया डैड.... !
दादाजी को ग्रैंडपा खा गये.........सोचो कितना बैड... !!
सोचो कहाँ आ गए....?
गुरुकुल को स्कूल खा गया.... गुरु को खाया चेला... !
अंग्रेजों के प्रभाव में आकर ...
सरस्वती की प्रतिमा पर साला सेकुलर मारे ढेला... !!
सोचो कहाँ आ गए....?
चौपालों को बीयर बार खा गया.... रिश्तों को खा गया टी.वी..... !
देख सीरियल.......... लगा लिपिस्टिक........ बक-बक करती बीबी !!
सोचो कहाँ आ गए....?
रसगुल्ले को केक खा गया ...... दूध पी गया अंडा.....!
दातून को टूथपेस्ट खा गया.......छाछ पी गया ठंढा.. !!
सोचो कहाँ आ गए....?
परंपरा को कल्चर खा गया..... हिंदी को खा गया अंग्रेजी .........!
दूध-दही के बदले...... चाय-कॉफ़ी पी पी कर बन गए हम लेजी !!
सोचो कहाँ आ गए...??
प्रेम से बोलो जय महाकाल की .....!!!
No comments:
Post a Comment