सावधानी से करें मस्सों की चिकित्सा
मस्से वैसे तो
कोई तकलीफ़ नहीं देते लेकिन खासकर चेहरे
के मस्से रंग रूप को विकृत कर देते है। ये त्वचा पर उगते उभरते हैं और
अवांछित प्रतीत होते हैं। मस्से र्दन,हाथ,पीठ ,चिन,पैर आदि किसी भी जगह हो सकते हैं।
मस्से पिगमेंट
कोषिकाओं के समूह होते हैं। ये काले भूरे रंग के होते हैं। कुछ मस्से आनुवांशिक
होते हैं लेकिन अधिक धूप में रहने से भी
मस्से पनप सकते हैं। अधिकतर मस्से केंसर
रहित होते हैं।
मस्से का उपचार ऐसे करें-
१)मस्से पर आलू काटकर उसकी फ़ांक रगडनी चाहिये। कुछ रोज में मस्से झडने लगेगे।
२)जलती हुई अगरबत्ती का गुल मस्से को छुआएं और तुरंत हटालें। लगातार कुछ दिन ऐसा उपचार करने से मस्से सूखकर झड जाते हैं।
३)केले के छिलके का भीतरी हिस्सा मस्से पर रगडें। हितकारी उपचार है।
४)प्याज का रस नियमित रूप से मस्से पर लगाते रहने से मस्से दूर होते हैं।
५)एक लहसुन की कली चाकू से काटकर उसे मस्से पर रगडें। धीरे-धीरे मस्से सूखकर झडने लगते हैं।
६) खट्टे सेवफ़ल का रस मस्से पर दिन में तीन बार लगाने और ऊंगली से मालिश करने से मस्से समाप्त होते हैं।
८) फ़ूल गोभी का रस लगाने से मस्से नष्ट हो जाते हैं।
९) रात को सोते वक्त और सुबह के समय मस्सों पर शहद लगाने के लाभकारी परिणाम मिले हैं।
१०) विटामिन सी,विटामिन ए और विटामिन ई का नियमित सेवन करने से मस्सों से निजात मिल जाती है और स्वास्थ्य भी उन्नत हो जाता है।
११) पोटेशियम युक्त सेव,केला,अंगूर,आलू,,पालक ,टमाटर का प्रचुर मात्रा में उपयोग करने से मस्से नष्ट होते हैं।
१२) थूहर का दूध या कार्बोलिक एसीड मस्सों पर लगाना कारगर चिक्त्सा मानी गई है।
१३) नागरवेल के पान के डंठल का रस मस्से पर लगाना परम हितक्री उपचार है।
१४) ग्वार पाठा (एलोवेरा) से मस्से की चिकित्सा की जा सकती है। एलोवेरा के रस में रूई का फ़ाया (काटन बाल) एक मिनट के लिये भिगोएं फ़िर इसे मस्से पर रखें और चिपकने वाली पटी (एढीसिव टेप। से स्थिर कर दें। यह प्रक्रिया दिन में कई बार करना उचित है। ३-४ हफ़्ते में मस्से साफ़ हो जाएंगे।
१५) मस्से वाले भाग को पर्याप्त गरम पानी में डुबाकर रखने से मस्से मुलायम हो जाते हैं और मस्से के वायरस भी मर जाते हैं। पानी इतना गरम ना हो कि त्वचा जल जाए।
१६) मस्से वाले भाग को पाईनेपल जूस में रखें। इसमें मस्से नष्ट करने वाले एन्जाईम होते है।
१७) ताजा अंजीर लें। इसे कुचलकर -मसलकर इसकी कुछ मात्रा मस्से पर लगावें और ३० मिनिट तक लगा रहने दें फ़िर गरम पानी से धोलें। ३-४ हफ़्ते में मस्से समाप्त होंगे।
१८) होम्योपैथी में मस्से नष्ट करने की कई कारगर औषधियां हैं जो लक्षणों की समानता के आधार पर व्यवहार में लाई जाती हैं। नीचे कुछ होम्योपैथिक दवाएं लिख रहा हूं जो मस्से के ईलाज में प्रयुक्त होती हैं :-
थूजा 1m ,कास्टिकम 1m, कल्केरिया कार्ब 1m, डल्कामारा 1m, फ़ेरम पिक्रिकम 30, एसिड नाईट्रिक1m, नेट्रम कार्ब6, नेट्रम म्युरियेटिकम6, एन्टिमोनियम6, सीपिया200
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