कोलेस्टरोल मुख्यत: ३ प्रकार के होते हैं।
१) एल.डी एल.कोलेस्टरोल-
यह हानिकारक कोलेस्टरोल रक्त वाहिकाओं में जमता रहता है, जिससे वे भीतर से संकरी हो जाती है और उनमें दौडने वाले खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होने से हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर जैसे हृदय रोग जन्म लेते हैं।
४) टमाटर ,गाजर,सेवफ़ल,नारंगी,पपीता आदि फ़ल खूब खाएं।
५) एक अनुसंधान में यह तथ्य सामने आया है कि काली और हरी चाय का उपयोग कोलेस्टरोल नियंत्रण का सशक्त उपाय है। ज्यादा चाय पीने वालों को हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है। लेकिन यह चाय दूध और शकर रहित होनी चाहिये।
८) लहसुन का प्रयोग कोलेस्टरोल घटाता है। सुबह ३-४ लहसुन की कली कच्ची चबाकर खाएं। इसमें खून को पतला करने के तत्व हैं जो खून मे थक्का जमने से बचाव करते हैं। भोजन में भी पर्याप्त लहसुन का प्रयोग करें।
९) कच्चा प्याज ,बादाम, अखरोट,खारक का समुचित उपयोग उत्तम है। इनमें उच्चकोटि की वसा पायी जातीहै।
१०) शकर से कोलेस्टरोल की वृद्धि होती है। अत: न्युनतम उपयोग करें।
११) मछली का तेल बुरे कोलेस्टरोल को नियंत्रित करता है। काड लिवर आईल भी उत्तम है।
१२) नियमित रुप से व्यायाम( घूमने,सीढी चढने) करने से कोलेस्टरोल नियंत्रण में रहता है।
योगासन और प्राणायाम कोलेस्टरोल घटाने मे आशातीत लाभप्रद परिणाम प्रस्तुत करते हैं।
१३) एलोपैथी के चिकित्सक कोलेस्टरोल कम करने के लिये स्टेटिन दवा का व्यवहार करते हैं।
१४) आयुर्वेदिक वैध्य अर्जुन की छाल का काढा,त्रिफ़ला,पुनर्नवा मंडूर ,आरोग्यवर्धिनी वटी तथा चन्द्रप्रभा वटी का उपयोग करते हैं।
१५) कोलेस्टरोल कम करने के लिये जीवनशैली में बदलाव बेहद जरूरी है। मोटापा कम करने से भी कोलेस्टरोल नियंत्रण में मदद मिलती है। आलसी जीवन से कोलेस्टरोल बढता है।
२) एच.डी.एल.कोलेस्टरोल--
यह लाभदायक कोलेस्टरोल माना जाता है । खून में इसका वांछित स्तर बना रहने से हृदय रोगों की संभावना कम हो जाती है। यह खराब और हानिकारक कोलेस्टरोल को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया में मददगार होता है।
३) ट्राईग्लिसराईड कोलेस्टरोल भी हानिकारक होता है।
यह लाभदायक कोलेस्टरोल माना जाता है । खून में इसका वांछित स्तर बना रहने से हृदय रोगों की संभावना कम हो जाती है। यह खराब और हानिकारक कोलेस्टरोल को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया में मददगार होता है।
३) ट्राईग्लिसराईड कोलेस्टरोल भी हानिकारक होता है।
हार्ट अटैक रोग में इसकी जिम्मेदारी काफ़ी अहम मानी गई है।
कोलेस्टरोल नियंत्रित और कम करने के लिये निम्न उपाय करना उचित है--
१) पर्याप्त रेशे वाली खाद्य वस्तुएं दैनिक भोजन में शामिल करें।हरी पत्तेदार सब्जियों में प्रचुर रेशा होता है। इनका ज्युस भी लाभदायक है। सब्जियों में कोलेस्टरोल नहीं होता है।
२) सभी तरह के फ़ल खाएं। कोलेस्टरोल घटाने में इनका विशेष महत्व है।
३) साबुत अनाज,भूरे चावल जई,सोयाबीन का उपयोग करना लाभप्रद है। सोयाबीन में उच्चकोटि का प्रोटीन होताहै।। आलू और चावल में कोलेस्टरोल और सोडियम नहीं होते हैं और कोलेस्टरोल नियंत्रण के लिये इनके उपयोग की अनदेखी नहीं करना चाहिये।
कोलेस्टरोल नियंत्रित और कम करने के लिये निम्न उपाय करना उचित है--
१) पर्याप्त रेशे वाली खाद्य वस्तुएं दैनिक भोजन में शामिल करें।हरी पत्तेदार सब्जियों में प्रचुर रेशा होता है। इनका ज्युस भी लाभदायक है। सब्जियों में कोलेस्टरोल नहीं होता है।
२) सभी तरह के फ़ल खाएं। कोलेस्टरोल घटाने में इनका विशेष महत्व है।
३) साबुत अनाज,भूरे चावल जई,सोयाबीन का उपयोग करना लाभप्रद है। सोयाबीन में उच्चकोटि का प्रोटीन होताहै।। आलू और चावल में कोलेस्टरोल और सोडियम नहीं होते हैं और कोलेस्टरोल नियंत्रण के लिये इनके उपयोग की अनदेखी नहीं करना चाहिये।
४) टमाटर ,गाजर,सेवफ़ल,नारंगी,पपीता आदि फ़ल खूब खाएं।
५) एक अनुसंधान में यह तथ्य सामने आया है कि काली और हरी चाय का उपयोग कोलेस्टरोल नियंत्रण का सशक्त उपाय है। ज्यादा चाय पीने वालों को हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है। लेकिन यह चाय दूध और शकर रहित होनी चाहिये।
६) तेल और वनस्पति घी में तली वस्तुएं खाने से खराब कोलेस्टरोल तेजी से बढता है। इनसे बचें।सब्जी, दाल का स्वाद मसालों से बढाएं। तेल,घी न्युनतम व्यवहार करें। कचोरी समोसे तो कभी न खाएं। लेकिन इस जगह यह लिखना भी जरूरी है कि जेतुन का तेल कोलेस्टरोल कम करता है। मंहगा जरूर है पर बहुत ज्यादा फ़ायदेमंद भी है।
८) लहसुन का प्रयोग कोलेस्टरोल घटाता है। सुबह ३-४ लहसुन की कली कच्ची चबाकर खाएं। इसमें खून को पतला करने के तत्व हैं जो खून मे थक्का जमने से बचाव करते हैं। भोजन में भी पर्याप्त लहसुन का प्रयोग करें।
९) कच्चा प्याज ,बादाम, अखरोट,खारक का समुचित उपयोग उत्तम है। इनमें उच्चकोटि की वसा पायी जातीहै।
१०) शकर से कोलेस्टरोल की वृद्धि होती है। अत: न्युनतम उपयोग करें।
११) मछली का तेल बुरे कोलेस्टरोल को नियंत्रित करता है। काड लिवर आईल भी उत्तम है।
१२) नियमित रुप से व्यायाम( घूमने,सीढी चढने) करने से कोलेस्टरोल नियंत्रण में रहता है।
योगासन और प्राणायाम कोलेस्टरोल घटाने मे आशातीत लाभप्रद परिणाम प्रस्तुत करते हैं।
१३) एलोपैथी के चिकित्सक कोलेस्टरोल कम करने के लिये स्टेटिन दवा का व्यवहार करते हैं।
१४) आयुर्वेदिक वैध्य अर्जुन की छाल का काढा,त्रिफ़ला,पुनर्नवा मंडूर ,आरोग्यवर्धिनी वटी तथा चन्द्रप्रभा वटी का उपयोग करते हैं।
१५) कोलेस्टरोल कम करने के लिये जीवनशैली में बदलाव बेहद जरूरी है। मोटापा कम करने से भी कोलेस्टरोल नियंत्रण में मदद मिलती है। आलसी जीवन से कोलेस्टरोल बढता है।
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