<>मन्त्र <>
धां धीं धूं धूर्जटे पत्नीं वां वीं वुं वागधीश्वरी क्रां क्रीं क्रूं कालिका देव्ये शां शीं शुं में शुभम कुरु
<>विधान<>
उपरोक्त मन्त्र सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में से हैं,कुछेक शुद्ध गुलाब में से बनी अगरबत्ती लेकर उपरोक्त मन्त्र १०८ बार जपकर अगरबत्ती अभिमंत्रित कर लीजिए उसके बाद उन अगरबत्ती में से ५ (पांच ) अगरबत्ती लेकर प्रगट करे उसके बाद अपने पुरे व्यवसाय स्थल में एंटी क्लोक वाइस (घडी की उलटी दिशा में ) घुमाले और एक जगह लगादे और फिर देखे आपका व्यापार कैसे नहीं चलता...यह प्रयोग पूर्ण प्रामाणिक एवं कई बार परिक्षीत हैं माँ भगवती ने चाहा तो आप व्यापार को लेकर जल्द ही चिंता मुक्त हो जायेंगे
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