ऊर्ध्वमूलमध:शाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् ।
छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित् ।।1।।
अर्थात:-आदि पुरुष परमेश्वर रूप मूल वाले और ब्रह्म रूप मुख्य शाखा वाले जिस संसार रूप पीपल के वृक्ष को अविनाशी कहते हैं;
तथा वेद जिसके पत्ते कहे गये हैं- उस संसार रूप वृक्ष को जो पुरुष मूल सहित तत्त्व से जानता है, वह वेद के तात्पर्य को जानने वाला है |
आइये हम भी जाने की पीपल के पेड़ से हमें क्या क्या लाभ मिलता है-
- - यह 24 घंटे ऑक्सीजन देता है .
- - इसके पत्तों से जो दूध निकलता है उसे आँख में लगाने से आँख का दर्द ठीक हो जाता है (भगवत गीता अध्याय 26 ).
- - पीपल की ताज़ी डंडी दातून के लिए बहुत अच्छी है .
- - पीपल के ताज़े पत्तों का रस नाक में टपकाने से नकसीर में आराम मिलता ...है .
- - हाथ -पाँव फटने पर पीपल के पत्तों का रस या दूध लगाए .
- - पीपल की छाल को घिसकर लगाने से फोड़े फुंसी और घाव और जलने से हुए घाव भी ठीक हो जाते है .
- - सांप काटने पर अगर चिकित्सक उपलब्ध ना हो तो पीपल के पत्तों का रस 2-2 चम्मच ३-४ बार पिलायें .विष का प्रभाव कम होगा .
- - इसके फलों का चूर्ण लेने से बांझपन दूर होता है और पौरुष में वृद्धि होती है .
- - पीलिया होने पर इसके ३-४ नए पत्तों के रस का मिश्री मिलाकर शरबत पिलायें .३-५ दिन तक दिन में दो बार दे .
- - कुक्कुर खांसी में छाल का 40 मी ली. काढा दिन में तीन बार पिलाने से लाभ होता है .
- - इसके पके फलों के चूर्ण का शहद के साथ सेवन करने से हकलाहट दूर होती है और वाणी में सुधार होता है .
- - इसके फलों का चूर्ण और छाल सम भाग में लेने से दमा में लाभ होता है .
- - इसके फल और पत्तों का रस मृदु विरेचक है और बद्धकोष्ठता को दूर करता है .
- - यह रक्त पित्त नाशक , रक्त शोधक , सुजन मिटाने वाला ,शीतल और रंग निखारने वाला है .
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