01 December 2012

11 दिसंबर से होंगे 5 ग्रह एक राशि में, जानिए इसका असर



‎11 दिसंबर से होंगे 5 ग्रह एक राशि में, जानिए इसका असर

2012 में दिसंबर माह ज्योतिष की नजर से बहुत ही खास है। इस माह को लेकर कई प्रकार की भविष्यवाणियां काफी समय से की जा रही हैं। इस माह में 11 दिसंबर से 14 दिसंबर तक पांच-पांच ग्रह एक साथ एक राशि में स्थित होंगे। यहां जानिए योग के क्या-क्या प्रभाव होंगे-

इस दिसंबर में पांच शनिवार, पांच रविवार एवं पांच सोमवार का योग भी बन रहा है। इस योग के साथ ही दिसंबर में पंचग्रही योग भी बनेगा। यह पंचग्रही योग 11 दिसंबर की रात से 14 दिसंबर की सुबह तक ही रहेगा। इस योग में सूर्य, बुध, शुक्र, राहु एवं चंद्रमा एक साथ वृश्चिक राशि में रहेंगे।
वृश्चिक राशि मंगल के स्वामित्व वाली राशि है। मंगल ग्रह शुक्र एवं राहु से शत्रुता रखता है एवं बुध से सम भाव रखता है। सूर्य ग्रह और मंगल मित्र हैं। सूर्य के साथ होने से अन्य ग्रहों को प्रभाव कम रहेगा एवं गुरु की पूर्ण दृष्टि वृश्चिक पर रहेगी। शनि उच्च का होने से यह समय उन लोगों के लिए कष्ट का कारण बनेगा जो उग्र एवं दुष्ट स्वभाव के हैं।

राजनीति के स्तर में गिरावट आएगी एवं गुजरात चुनाव में पुन: सत्तासीनों की वापसी होगी, ऐसे योग बन रहे हैं। किसी बड़े नेता की हानि भी हो सकती है। देश में सरकार के प्रति विरोध का भाव रहेगा। आंदोलन भी हो सकते हैं। पांच शनिवार के साथ पांच रविवार एवं सोमवार सभी को चिंतित रखेंगे।

काफी समय से ऐसी भविष्यवाणियां की जा रही हैं कि दिसंबर माह में पृथ्वी का विनाश हो जाएगा। पृथ्वी के विनाश के किसी भी प्रकार के कोई योग नहीं बन रहे हैं। 21 दिसंबर 2012 को मंगल उच्च का रहेगा एवं सूर्य मित्र राशि धनु में एवं शनि उच्च का तुला में रहेगा। अत: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विश्व का नाश हो जाए ऐसे कोई योग नही बन रहे हैं।

यह समय शिक्षक वर्ग, बुद्धिजीवी, कलाकार वर्ग हेतु उत्साह को बढ़ाने वाला होगा। गुरु की आज्ञा का पालन करने वाले एवं माता दुर्गा का पूजन या माता-पिता की सेवा करने वाले, शिव, विष्णु, हनुमान, गणेश के उपासकों को किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं रहेगा।

मौसम पर भी इस ग्रह योग का असर बना रहेगा दक्षिण के देशों में भूकंपन के आसार हैं एवं अन्य प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं। हालांकि पंचग्रही योग ज्यादा समय नहीं रहेगा। इसके पश्चात चर्तुग्रही योग भी दो दिनों में समाप्त हो जाएगा।

माह की शुरुआत शनिवार से होगी एवं अंत सोमवार से होगा यह दोनो ही पूरे माह पांच-पांच बार आएंगे। ठंड का प्रकोप अधिक रहेगा। फसलों को नुकसान होने की भी संभावनाएं है किंतु यह छोटे पैमाने पर होगा। भौतिक सुखों को प्राप्त करने हेतु ज्यादा व्यय करना होगा। व्यापारियों को लाभ होगा।

इस माह में गुरु-शुक्र का सम सप्तक योग भी बनेगा। जो शासन करने वालों के लिए चिंता जनक होगा। किसी भी प्रकार का गलत कदम उनके लिए ठीक नहीं होगा। यह माह दुराचारियों, अत्याचारियों, दूसरों को परेशान करने वाले, दूसरों का हक मारने वाले एवं आतंकवादियों के लिए उनके कर्मों का फल प्रदान करने वाला होगा।



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