बाएं हाथ को पेट के पास लाकर सीधा रखें। दाएं हाथ की मुठ्ठी बना कर बाईं हथेली पर रखें और दाएं हाथ का अंगूठा सीधा ऊपर की ओर रखें। नीचे वाले बाएं हाथ की अंगुलियाँ और अंगूठा मिला कर रखें। दोनों बाजुओं की कोहनियाँ सीधी रखें। इस मुद्रा को शिवलिंग मुद्रा कहते हैं।
शिवलिंग मुद्रा दिन में दो बार पाँच मिनट के लिए लगाएं।
लाभ :
@ शिवलिंग मुद्रा लगाने से सुस्ती, थकावट दूर हो नयी शक्ति का विकास होता है।
@ शिवलिंग मुद्रा लगाते हुए लम्बे व गहरे सांस लेने चाहिये।
@ शिवलिंग मुद्रा लगाने से मानसिक थकान व चिंता दूर होती है।
@ शिवलिंग मुद्रा लगाने से सुस्ती, थकावट दूर हो नयी शक्ति का विकास होता है।
@ शिवलिंग मुद्रा लगाते हुए लम्बे व गहरे सांस लेने चाहिये।
@ शिवलिंग मुद्रा लगाने से मानसिक थकान व चिंता दूर होती है।
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