03 July 2013

!!! धन प्रदायक अचूक उपाय !!!




भगवान श्री गणेश प्रखर बुद्धि के स्वामी हैं। यह विघ्रहर्ता है। भुत प्रेत आदि इनकी सेवा करते हैं। श्री गणेश जी की पुजा के करण शिव गण भी प्रसन्न होते हैं। जब हम श्री गणेश जी का पुजन नहीं करते तब शिव गण भुत प्रेत आदि पुजा पाठ मे विघ्र उत्तपन करते हैं। इसी करण श्री गणेश जी की सबसे पहले पुजा की जाती हैं। इनकी कृपा से बुद्धि निखर जाती हैं और पुजा पाठ मे भी बुद्धि शुद्ध होना जरुरी हैं। बुद्धि ही सही और गलत का निर्णय लेती है। सही दिशा मे कदम बढने से सफलता निश्चित होती है। ऐसी सफलता आदमी को यश और सम्मान देती है।

इसलिये भगवान गणेश की उपासना सुखदायक, दु:खनाशक और धनदायक भी है। क्योंकि बुद्धि को सही दिशा देने पर कम प्रयास मे भी अचुक सफलता मिलती हैं और बुद्धि बल से कोई भी अदमी अपनी काबिलियत को साबित कर सकता है। जो सभी चाहते हैं। जबकि विपरित समय मे भी बुद्धि कठिन दौर से बाहर आना मे मदद करती है। इसलिए भगवान गणेश की उपासना शुभ फलदायी मानी गई है। श्री गणेश जी संकटनाशक है। अतः गणेश जी का ध्यान जरुरी करें। 


बुधवार को की गई भगवान गणेश की उपासना का अच्छा प्रभाव होता है। इस संसार मे पैसे का कितना महत्व हैं यह तो आप सब जांनते ही हैं। या यूं कहे कि इस दुनिया मे पेसा और उस दुनिया मे राम नाम ही काम आता है। इन दोनो साधना मे श्री गणेश जी कल्याणकारी है। इनकी पुजा से यह दोनो प्राप्त होने लगते हैं। पैसा कमाने के लिए इंसान दिन-रात मेहनत करता है। और मन मे एक प्रशन होता हैं कि और पैसा कैसे कमाया जाए? यहाँ पर मैं श्री गणेश जी की इच्छा से कुछ सरल से उपाय आप के सामने रख रहा हूं। आप इन उपाय को एक बार करके देखे शेष मुझे कहने की जरुरत नहीं हैं।

धन प्रदायक उपाय (श्री लक्ष्मी जी और श्री गणपति जी) 


उनी या कम्बल का साफ आसन बिछाये अब पूर्व दिशा की ओर मुंह करके आसन पर बैठ जाओ। एक लकडी के बाजोट पर कोई नया पीला रुमाल सा बिछाये। इसके ऊपर मसूर की दाल की ढेरी बनाए। इस ढेरी पर सात कौडिय़ां व एक लघु शंख को स्थापित करें। फिर मूंगे की माला से “ॐ गं गणपतये नम:” मंत्र का पांच माला जप करें। जप पुरा होने पर इस रुमाल की सामग्री सहित गाठ मार कर किसी निर्जन स्थान (जहां कोई आता-जाता न हो) पर जाकर गाढ़ दें। चुपचाप घर चले आये, रास्ते मे किसी से बात ना करें, घर पर आकर मुंह हाथ धो ले। किसी बुजर्ग महिला या माँ या गाय आदि को कुछ मिठा खिला आशीर्वाद लो बस हो गया जीवन परिवर्तन। अब पैसे की कमी नहीं रहेगी।


पैसो की कमी का एक कारण श्री शनि देव हैं और श्री शनि देव जी भी क्या करें जब किसी व्यकिती के कर्म ही खराब थे। इसलिये श्री शनि देव का पुजन भी करते रहना चाहिये और प्रार्थना करे कि मेरे गुनाओ को क्षमा करे। क्योंकि जब श्री शनि देव जी प्रसन्न होने वाले होते है तो श्री लक्ष्मी जी उनसे पहले ही प्रसन्न हो जाती हैं। और बिना मांगे ही आ जाती हैं। (खराब शनि की निशानी फटी एडियाँ हैं अपने तलवे देखे)


या फिर एक बात यह कि श्री लक्ष्मी जी को कमल गट्टे विशेष प्रिय हैं इसलिये कमल गट्टे की माला को श्री लक्ष्मी जी के मन्दिर मे श्री लक्ष्मी जी को चढाना चाहिये या फिर घर-दुकान में कमल गट्टे की माला (का आसन दे) को बिछा कर उसके ऊपर श्री लक्ष्मी जी का चित्र स्थापित कर पुजा की जाए तो व्यापार बहुत अच्छा चलता हैं।



या फिर एक दिन शुभ समय मे हवन करें। हवन मे घी लगाकर कमल गटटे के बीजो से 108 आहुतियां दे। और अंत मे श्री लक्ष्मी जी से बने रहने की प्रार्थना करे। एक विशेष बात यह है कि यदि आपने ऐसा 21 दिन तक लगातार किया तो आने वाली कई पीढिय़ां का भी उद्धार हो जायेगा।


या फिर अगर कोई व्यक्ति श्री लक्ष्मी जी की पूजा-पाठ के दौरान-उपरांत अपने गले में कमल गटटे की माला धारण करें तो श्री लक्ष्मी जी की कृपा उस पर सदा बनी रहती है।

या फिर श्री लक्ष्मी जी की मुर्ति, चित्र या यंत्र पर कमल गट्टे की माला पहनाकर किसी तालाब, नदी में श्री लक्ष्मी जी को विसर्जित करें तो उसके घर में निरंतर लक्ष्मी का आगमन बना रहता है।




या फिर ऐसा करें कि श्री लक्ष्मी जी को सफेद गुंजा बहुत पसन्द हैं इस गुंजा को श्री लक्ष्मी जी स्त्रोत्र से 2-5 बार अभिमंत्रित करें। गुंजा फिर पैसे के स्थान पर रखे। (गुंजा उडद की साबुत दाल के बराबर से थोडा सा बडा होता है लोग इसे लडाई की जड के नाम से जानते है। यह सामान्यतः आधी लाल- आधी काले रंग की होती है। इसके लाल काले दाने यदि किसी के घर मै डाल दिये जाये तो जब तक यह दाने उसके घर से ना निकले तब तक लडाई होती रहती ही है। सफेद रंग के दाने हल्का किनारे से काले होते है यह ही लक्ष्मी पुजन मे काम आते है। यह किसी पंसारी के यहाँ से मिल सकते है। वेसे तो बरसात के मोसम मे ही होते है। कोई भी 10 रु मे दे देता है। पुजा मे 7, 11, 21 दाने ही प्रयोग होते है।)


यह सब अचूक प्रयोग हैं आप अपनी इच्छा अनुसार इसमे से कितने भी कर ले परंतु विस्वास रखना चाहिये।





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