आशुतोष शशांक शेखर चंद्रमौली चिदंबरा
कोटि कोटि प्रणाम शंभो कोटि नमन दिगम्बरा
निर्विकार ओंकार अविनाशी तुम्ही देवाधिदेव
जगत सर्जक प्रलयकर्ता शिवम सत्यम सुंदरा
निरंकार स्वरुप कालेश्वर महाजोगिश्वरा
दयानिधि दानिश्वरा जय जटाधारी अभ्यंकरा
शूलपाणी त्रिशूल धारी औघडी बाघम्बरी
जय महेश त्रिलोचनाय विश्वनाथ विश्वम्भरा
नाथ नागेश्वर हरो हर पाप शाप अभिशाप तम
महादेव महान भोले सदाशिव शिव शंकरा
जगतपति अनुरक्ति भक्ति सदैव तेरे चरण हो
छमा हो अपराध सब जय जयति जय जगदिश्वरा
जन्म जीवन जगत का संताप सब मिटे सभी
ओम नम: शिवाय मन जपता रहे पंचाकछरा ..................................
अथ शिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम्.......
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम:शिवाय ॥ 1 ॥
मंदाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथ महेश्वराय ।
मण्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम:शिवाय ॥ 2 ॥
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय बृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम:शिवाय ॥ 3 ॥
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय ।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नम:शिवाय ॥ 4 ॥
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम:शिवाय ॥ 5 ॥
पञ्चाक्षरिमदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥ 6 ॥................................
ॐ नमः पार्वती पतये.....हर....हर....महादेव.............
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