माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक अचूक उपाय
प्रातः काल, स्नानादि व तुलसी सेवन करके
'हरिजागरणं प्रातः स्नानं तुलसीसेवनम्। उद्यापनं दीपदानं व्रतान्येतानि कार्तिके॥'
इस मंत्र के साथ दीपदान करें| आपको बता दें कि इसी मंत्र के द्वारा सत्यभामा ने अक्षय सुख, सौभाग्य और संपदा के साथ सर्वेश्वर को सुलभ किया था।
वास्तु ग्रंथों में लक्ष्मी, यश-कीर्ति की प्राप्ति उपाय के रूप में कई उपाय मिलते हैं। लक्ष्मी, गायत्री मंत्र का निरंतर जाप भी इष्टप्रद है।
'महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।'
आपको हमेशा कमलासन पर विराजित लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। देवीभागवत में कहा गया है कि कमलासना लक्ष्मी की आराधना से इंद्र ने देवताओं के राजा होने का गौरव प्राप्त किया था। इंद्र ने लक्ष्मी की आराधना 'कमलवासिन्यै नमः' मंत्र से की थी। यह मंत्र आज भी अचूक है।
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