16 October 2012

नवरात्री दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी












माँ ब्रह्माचारिणी


नवरात्री दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

“दधना कर पद्याभ्यांक्षमाला कमण्डलम।
देवी प्रसीदमयी ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा"॥

श्री दुर्गा का द्वितीय रूप श्री ब्रह्मचारिणी हैं। यहां ब्रह्मचारिणी का तात्पर्य तपश्चारिणी है। इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप से प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। अतः ये तपश्चारिणी और ब्रह्मचारिणी के नाम से विख्यात हैं। नवरात्रि के द्वितीय दिन इनकी पूजा और अर्चना की जाती है।

जो दोनो कर-कमलो मे अक्षमाला एवं कमंडल धारण करती है। वे सर्वश्रेष्ठ माँ भगवती ब्रह्मचारिणी मुझसे पर अति प्रसन्न हों। माँ ब्रह्मचारिणी सदैव अपने भक्तो पर कृपादृष्टि रखती है एवं सम्पूर्ण कष्ट दूर करके अभीष्ट कामनाओ की पूर्ति करती है।



मां दुर्गा की द्वितीय शक्ति का नाम ब्रह्माचारिणी है। ब्रह्मा में लीन होकर तप करने के कारण इन महाशक्ति को ब्रह्माचारिणी की संज्ञा मिली है। इसीलिए मां के इस स्वरूप का ध्यान हमारी शक्तियों को जाग्रत करके स्वयं पर नियंत्रण करने की साम‌र्थ्य प्रदान करता है।


No comments: