05 October 2012

माँ बनाती थी रोटी



माँ बनाती थी रोटी
  • पहली गाय की
  • आखरी कुत्ते की
  • एक बामणी दादी की
  • एक मेहतरानी बाई की
...

हरसुबह सांड आ जाता दरवाज़े पर गुड की डली के लिए

कबूतर का चुग्गा कीड़ीयों का आटा
ग्यारस,अमावस,पूनम का सीधा डाकौत का तेल
काली कुतिया के ब्याने पर तेल गुड का हलवा
सब कुछ निकल आता था उस घर से
जिस में विलासिता के नाम पर एक टेबल पंखा था


आज सामान से भरे घर से कुछ भी नहीं निकलता
सिवाय कर्कश आवाजों के 

अच्छा पढ़ने के लिए आपका कोई पैसा नहीं खर्च हो रहा है केवल आपको इसे लोगो को याद दिलाना है,, अपनी संस्कृति को फिर से अपनाना है 


क्यूँ इतना तो कर ही सकते हैं ?

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