एफएसओ डीके वर्मा के मुताबिक़ सभी मामलों में बिस्किट निर्माता कंपनी और सप्लायरों के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक निर्धारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में चालान दाखिल किए गए हैं। वर्मा के मुताबिक बिस्किट में अमानक क्रीम पाए जाने के बाद सभी एफएसओ को हर माह दुकानों को निरीक्षण कर बिस्किट के नमूने लेने को कहा गया है।
राज्य खाद्य पदार्थ परीक्षण प्रयोगशाला के फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा ने बताया बिस्किट निर्माता कंपनियां क्रीम के नाम पर बिस्किटों के बीच वनस्पति घी, शक्कर और पानी के पेस्ट का उपयोग कर रही हैं। पेस्ट का रंग क्रीम जैसा होने के कारण उपभोक्ता असली और नकली में फर्क नहीं कर पाते। बिस्किटों के बीच भरे जाने वाले इस पेस्ट में बिस्किट कंपनियों के अधिकारी विभिन्न प्रकार के फ्लेवर व एसेंस की मिलावट करते हैं।
एफएसओ वर्मा ने बताया कि इस साल सबसे ज्यादा 50 नमूने पारले मेनिफिस्टो के फेल हुए हैं। इसके अलावा सनफीस्ट क्रीम के 15 और ब्रिटानिया क्रीम बिस्किट (ऑरेंज फ्लेवर) के 12 नमूनों में मिलावट मिली है। दो माह पहले लिए गए कैडबरी कंपनी के ओरियो बिस्किट का भी एक नमूना फेल हुआ है। एफएसओ वर्मा ने बताया कि कैडबरी कंपनी ने लैब रिपोर्ट को चुनौती दी थी। इस पर ओरियो बिस्किट का नमूना जांच के लिए रेफरल लैब, मैसूर भेजा भेजा गया था, जहां से भेजी गई जांच रिपोर्ट में बिस्किट की क्रीम को अमानक स्तर का बताया गया।
बिस्किट का नाम : नमूने फेल
पारले मेनिफिस्टो : 50
सनफीस्ट क्रीम बिस्किट : 15
ब्रिटानिया क्रीम बिस्किट (ऑरेंज फ्लेवर) : 12
कैडबरी ओरियो बिस्किट : 1
(राज्य खाद्य पदार्थ परीक्षण प्रयोगशाला के फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा के मुताबिक।)
No comments:
Post a Comment