- अत्याधिक हिचकियां आने पर अदरक अथवा सौंठ का चूर्ण आंवला व पीपल के चूर्ण के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर शहद के साथ चटाना चाहिये।
- मिश्री के साथ एक ग्राम छोटी पिपली को का चूर्ण लेने से हिचकी बंद हो जाती है।
- पुदीने के हरे पत्ते या नींबू चूस लेने पर हिचकी बंद हो जाती है।
- केले की जड पीस कर छानकर रस निकाल लें,इस रस को सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।
- सेंधा नमक को पानी या घी में पीसकर सूंघने से हिचकी बन्द हो जाती है।
- सौंठ को गुण में मिलाकर सुंघाने से हिचकी में आराम मिलता है।
- चूल्हे की जली हुई गरम मिट्टी सूंघने से हिचकी बन्द हो जाती है।
- तीन काली मिर्च थोडी सी चीनी या मिश्री का एक टुकडा मुंह में रखकर चबायें,और उसका रस चूंसते रहे,चाहे तो एक घूंट पानी पी सकते है,तत्काल हिचकी बन्द हो जायेगी।
- गिलोय और सौंठ का समभाग चूर्ण लेकर उसे नसवार की तरह सूंघने से हिचकी में आराम मिलेगा।
- अदरक के बारीक टुकडे मुंह में रखकर चूंसे,हिचकी बन्द हो जायेगी।
- मुलहठी का महीन चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी बंद हो जाती है
- पुदीने के दस बारह पत्ते और एक चम्मच शक्कर मुंह में डालकर उन्हे चबाकर चूंसे,हिचकी बन्द हो जायेगी।
- चित लेटकर गहरी सांस लें फ़िर थोडी देर सांस को अन्दर रोककर छोड दें,ऐसा दस पन्द्रह बार करें,अपना ध्यान सांस खींचने और छोडने पर रखें,हिचकी बन्द हो जायेगी।
- बडी इलायची पीसकर मिश्री या शहद के साथ चाटने से हिचकी बन्द हो जाती है।
- नीबू में सेंधा नमक लगाकर चाटने से हिचकी रुक जाती है।
- काला नमक सेंधा नमक और सांभर नमक तीनों को मुंह में डालकर चूंसने से हिचकी बन्द हो जाती है।
ॐॐॐॐॐॐॐॐ (“निरंजनो निराकरो एको देवो महेश्वर:। मृत्यू मुखम् गतात् प्राणं बलात रक्षति:॥ ) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ( ॐकारं बिन्दु संयुक्तं नित्यं ध्यायन्ति योगिनः । कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः ॥ ) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ हर एक से पूछ के देख लिया ! हर एक से पूछ के देख लिया ! एक हर से पूछना बाकि है ! हर दर पे लुट के देख लिया ! हरी दर पे लुटना बाकि है ! "पुनरपि जननं, पुनरपि मरणं, पुनरपि जननी जठरे शयनं ! इह संसारे खलु दुस्सारे कृपया पाहि पार मुरारे"
27 October 2012
हिचकी न रुके तो
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment