"गाय" ........... आप इस शब्द का उच्चारण मात्र कीजिये , देखिएगा आपको कितनी आत्म -संतुष्टि मिलेगी |
जी हाँ ! आज का मेरा विषय "गौ माँ" ही है | दोस्तों !! क्या कभी आपने सोचा है , की एक औरत , किसी दुसरे के बच्चे को अपना दूध बिना किसी मज़बूरी के
पिला सकती है क्या ?
जवाब मैं देता हूं आपको ---कदापि नहीं |
जी हाँ जब तक कोई ख़ास मज़बूरी ना पड़े , कोई भी औरत अपना दूध किसी और के बच्चे के साथ नहीं बाँट सकती ,,,,,,फिर भी वो महान कहलाती है |
तो आप गाय माँ को क्या कह कर पूजेंगे ?? /वो तो एक - दो को नहीं , बल्कि अनगिनत बच्चों ,बूड्डों, जवानों और यहाँ तक की महिलाओं तक को अपना दूध देकर स्वस्थ बनाती है |
क्या मैं गलत बोल रहा हूँ ?
जो लोग आज गौ मांस को खा कर अपना मन और तन शांत करते हैं ....वो भी इस बात से इनकार नहीं करेंगे की उनके बच्चों का पेट भी इसी गौ माँ के ढूध से भरा जाता है , जिसे वो इतनी निर्दयता से तड़पा --तड़पा कर मार देते हैं |
क्या वो अपनी जनम देने वाली माँ के साथ भी ऐसा ही करने की हिम्मत रखते हैं ????
हमारे देश में हर जीव -जंतु , पेड़ -पौधों यहाँ तक की छोटे -छोटे से कीटाणुओं तक को भगवान के साथ जोड़ कर पूजा जाता है.....हमारे देश की मिटटी के कण -कण में यही संस्कार घुले हुए हैं.....फिर ये क़त्ल करने वाले राक्षस कहाँ से हमारे देश और धरती को अपवित्र करने आ गए ?
ये तो निश्चित है की इनकी रगों में इंसानी खून हो ही नहीं सकता.....इनको मैं हैवान की ही संज्ञा |
आज जो लोग गौ माता को बचाने के पावन कार्यों को अंजाम दे रहे हैं ......उनको मेरा बारम्बार प्रणाम है ,,,, प्रणाम है ,,,,,,||
जी हाँ ! आज का मेरा विषय "गौ माँ" ही है | दोस्तों !! क्या कभी आपने सोचा है , की एक औरत , किसी दुसरे के बच्चे को अपना दूध बिना किसी मज़बूरी के
पिला सकती है क्या ?
जवाब मैं देता हूं आपको ---कदापि नहीं |
जी हाँ जब तक कोई ख़ास मज़बूरी ना पड़े , कोई भी औरत अपना दूध किसी और के बच्चे के साथ नहीं बाँट सकती ,,,,,,फिर भी वो महान कहलाती है |
तो आप गाय माँ को क्या कह कर पूजेंगे ?? /वो तो एक - दो को नहीं , बल्कि अनगिनत बच्चों ,बूड्डों, जवानों और यहाँ तक की महिलाओं तक को अपना दूध देकर स्वस्थ बनाती है |
क्या मैं गलत बोल रहा हूँ ?
जो लोग आज गौ मांस को खा कर अपना मन और तन शांत करते हैं ....वो भी इस बात से इनकार नहीं करेंगे की उनके बच्चों का पेट भी इसी गौ माँ के ढूध से भरा जाता है , जिसे वो इतनी निर्दयता से तड़पा --तड़पा कर मार देते हैं |
क्या वो अपनी जनम देने वाली माँ के साथ भी ऐसा ही करने की हिम्मत रखते हैं ????
हमारे देश में हर जीव -जंतु , पेड़ -पौधों यहाँ तक की छोटे -छोटे से कीटाणुओं तक को भगवान के साथ जोड़ कर पूजा जाता है.....हमारे देश की मिटटी के कण -कण में यही संस्कार घुले हुए हैं.....फिर ये क़त्ल करने वाले राक्षस कहाँ से हमारे देश और धरती को अपवित्र करने आ गए ?
ये तो निश्चित है की इनकी रगों में इंसानी खून हो ही नहीं सकता.....इनको मैं हैवान की ही संज्ञा |
आज जो लोग गौ माता को बचाने के पावन कार्यों को अंजाम दे रहे हैं ......उनको मेरा बारम्बार प्रणाम है ,,,, प्रणाम है ,,,,,,||
हो सकता है मेरे इस लेख को पढ़ कर कुछ लोग विचलित हों , पर मेरा उनसे भी करबद्ध विन्नान्ति है की वो भी इस पुन्य के काम में हमारे साथ आयें |
ऐसा करने से उन्हें खुद पता चलेगा की उनके बच्चे और परिवार कितना सुख -समृद्धि से भरा- पूरा होगा |
ऐसा करने से उन्हें खुद पता चलेगा की उनके बच्चे और परिवार कितना सुख -समृद्धि से भरा- पूरा होगा |
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